डाइबिटीज से पीड़ित लोगों को थाइराइड होने का खतरा बढ़ जाता है। और ये दोनों ऐसी बिमारी है जो हमेशा आपके साथ रहेगी केवल आप इसे कन्ट्रोल कर ठीक रह सकते हैं । आइये जानते हैं कि थाइराइड में क्या खाएं या क्या नहीं जिससे की थाइराइड कन्ट्रोल रहे ।

डाइबिटीज से पीड़ित लोगों को थाइराइड होने का खतरा बढ़ जाता है। और ये दोनों ऐसी बिमारी है जो हमेशा आपके साथ रहेगी केवल आप इसे कन्ट्रोल कर ठीक रह सकते हैं । आइये जानते हैं ।थाइराइड को कंट्रोल रखने के लिए इन 6 चीजों से बना लें दूरी-
थायरॉइड तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है, जो गले में स्थित होती है। शरीर की चयापचय (मेटाबॉलिज्म) क्रिया में इस ग्रंथि का विशेष योगदान होता है। थायराइड दो तरह का होता है- हाइपरथायराइड और हाइपोथायराइड। हाइपरथायराइड में ज्यादा मात्रा में थायराइड हार्मोन बनने लगता है। जबकि हाइपोथायराइडिज्म में हार्मोन का कम उत्पादन होता है। हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित लोगों में थकान, बालों का झड़ना, वजन बढ़ना, ठंड लगना और लो फील करना जैसे कई लक्षण दिखाई दे सकते हैं। थायराइड को अच्छी डाइट लेकर कंट्रोल  किया जा सकता है। ऐसे में आज जानते हैं आखिर वो कौन सी चीजें हैं जो थायराइड की समस्या होने पर व्यक्ति को नहीं खानी चाहिए। 
थायराइड में क्या नहीं खाना चाहिए-
सोयाबीन-
सोयाबीन और सोया युक्त खाद्य पदार्थों से हाइपोथायरायडिज्म का जोखिम बढ़ सकता है। सोयाबीन में फाइटोएस्ट्रोजन होता है जो थायराइड हार्मोन का निर्माण करने वाले एंजाइम की कार्य करने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। 
ब्रोकली-फूलगोभी जैसी सब्जियां-
कच्ची या अधपकी हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे ब्रोकली, पालक, फूलगोभी में एंटी-थायराइड और गोइट्रोजेनिक (goitrogenic) गुण होते हैं। जो थायराइड में हानिकारक हो सकते हैं। दरअसल, ये सभी क्रुसिफेरस सब्जियां( ब्रोकली, फूलगोभी, पत्तागोभी) फाइबर और अन्य पोषक तत्वों से भरी होती हैं। बावजूद इसके आयोडीन की कमी होने पर ये थायराइड हार्मोन के उत्पादन को कम कर सकती हैं। 
कैफीन युक्त पेय
थायराइड की समस्या होने पर कैफीन वाली चीजें खानी और पीनी नहीं चाहिए। ये आपके थायराइड ग्लैंड को बढ़ाकर दवा के असर को भी कम करते हैं। 
मीठा-
थायराइड की समस्या होने पर चीनी का सेवन ज्यादा नहीं करें। चीनी आपकी पाचन प्रक्रिया को प्रभावित करके आपका वजन बढ़ाएगी और थायराइड ग्रंथि के स्तर को अनियंत्रित कर देगी।
ग्लूटेन फूड-
हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित लोगों को ग्लूटेन का सेवन कम करना चाहिए। ग्लूटेन एक प्रोटीन है जो गेहूं, जौ, राई और अन्य अनाजों से बने प्रोसेस्ड फूड्स  में पाया जाता है। अगर किसी व्यक्ति को सीलिएक डिसीज है, तो यह ग्लूटेन छोटी आंत में समस्या उत्पन्न कर थायराइड हार्मोन रिप्लेसमेंट मेडिकेशन के अवशोषण में बाधा उत्पन्न कर सकता है।
प्रोसेस्ड फूड्स-
प्रोसेस्ड या जंक फूड्स में सोडियम की मात्रा अधिक होती है जो आपको नुकसान पहुंचा सकती है। सोडियम हाइपोथायरायडिज्म और थायराइड की कमी दोनों मरीजों की सेहत पर बुरा असर डालता है। डा सौरभ कुमार सिनियर डाइबटोलाजिसट एवं इंडोक्राइनलाजिसट रांची

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