मक्की के भुट्टे के रेशम से सुनहरी बाल ताजा 25 ग्राम लेकर, 250 ग्राम पानी में उबाले। लगभग 80 ग्राम रहने जल रहने पर छान लें, (उसमे बिना कुछ मिलाये वैसे ही) पी जाएं। इस प्रयोग से मूत्र साफ और खुलकर आता है और जलन मिटकर, रुक-रुककर बूंद-बुंद मूत्र त्याग होने का कष्ट दूर होता है। (गुर्दे(किडनी) का दर्द होने पर यही प्रयोग सुबह शाम करें लाभ उठाएं) कई बार इस प्रयोग से गुर्दे की छोटी पथरी भी मात्र 2-4 दिन में ही निकल जाती हैं। किसी रोगी का थोड़ा बहुत यूरिक एसिड ज्यादा हो तो उसका भी कुछ दिनों के प्रयोग से यूरिक एसिड नॉर्मल हो जाता है। इसी प्रयोग को करने से शरीर पर हुई सूजन भी उतर जाती है। इसे लगातार कुछ दिन लगातार लेने से वजन भी कम हो जाता हैं। इस प्रयोग हम किडनी क्लीनिंग के प्रोसेस में भी करते है।।
जिनका थोड़ा बहुत क्रेटीनाइन ओर ब्लड यूरिया बढा हुआ है इस प्रयोग से ये भी नॉर्मल हो जाता है।