बताने की ज़रूरत नहीं कि नीचे कौन सा फल और उसका शर्बत दिख रहा है,जी हां ये बेल और उसका शर्बत है,बेल को स्टोन एप्पल या वुड एप्पल भी कहते हैं,ये तमाम औषधीय गुणों से भरपूर है,इसके बीज, पत्तियां,फूल,फल,छाल, जड़ सभी विभिन्न रोगों के इलाज में कारगर हैं,इसमें विटामिन ए,बी कॉम्प्लेक्स,विटामिन सी,प्रोटीन,कार्बोहाइड्रेड,पोटेशियम,कैल्शियम और फाइबर प्रचुर मात्रा में होते हैं,इसके अलावा एंटी ऑक्सीडेंट्स भी होते हैं जिस कारण इसकी न्यूट्रीशन वैल्यू अत्यधिक है।
बेल का सेवन अनेक प्रकार से किया जाता है,इसके फल का गूदा बीज निकालकर खाया जाता है,गुदे को सुखाकर चूर्ण बनाकर खाया जाता है गूदे को जल में मिलाकर शर्बत बनाकर,मुरब्बा बनाकर भी प्रयोग किया जाता है।
बेल डायरिया,पेचिश,अजीर्ण आदि रोगों में बेहद लाभकारी है।
ये लिवर,किडनी,लू से बचाव,स्कर्वी और खून साफ करने में बेहद कारगर है।
कान के दर्द में भी कारगर है।
महीन छिलके वाले बेल अच्छे होते हैं ये साल भर पेंड़ पर लगे रहते हैं एक फसल खत्म होते होते नए बेल लग जाते हैं।
बेल 2 टाइप डायबटीज में अत्यधिक फायदेमंद माना जाता है मगर बाजार में बिकने वाला शर्बत डायबटीज के किसी भी पेशेंट के लिए हानिकारक है क्योंकि वे निश्चित ही इसमें चीनी या बूरा मिलाते हैं ताकि ये मीठा और स्वादिष्ट लगे जबकि बेल उतना मीठा नहीं होता है।
थायरायड पेशेंट्स भी बेल से परहेज करें क्योंकि ये उसकी दवाओं का प्रभाव कम या खत्म कर देता है।
लोग बेल के पेंड़ को जल चढ़ाते हैं और बेलपत्र भगवान शिव को चढ़ाते हैं इसको कोई काटता नहीं है।
एक बात जरूर कहना चाहूंगा कि तमाम फल सब्जियां विभिन्न रोगों में फायदेमंद हैं मगर ये रोग का ईलाज नहीं होते इसलिए चिकत्सक की सलाह सर्वाधिक ज़रूरी है।