कहीं आप डायबिटीज के शिकार तो नहीं हो गए । अगर इस तरह के लक्षण आपके शरीर में दिखाई दे तो हो जाए सावधान ।

आज के समय में करोड़ों लोग डायबिटीज यानी मधुमेह की बीमारी से ग्रस्त हैं और दुनिया में लगातार डायबिटीज के मरीजों की संख्या बढ़ती है। जाने मानें  बिहार के मशहूर फिजिशियन डा दिवाकर तैजसवी  के मुताबिक आने वाले वर्षों में दुनिया में सबसे ज्यादा डायबिटीज के मरीज भारत में पाए जाएंगे। बता दें कि मधुमेह की बीमारी में ब्लड शुगर यानी रक्त शर्करा का स्तर अनियंत्रित रूप से घटता-बढ़ता रहता है। हाई ब्लड शुगर लेवल के कारण जानलेवा स्थिति तक व्यक्ति के सामने पैदा हो सकती है। और यह समय बहुत ही खतरनाक होता है क्योंकि डायबिटीज अगर आप शुरुआत में ही पकड़ में आ जाए और इलाज शुरू कर दे तो आगे यह डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होता है किन्तु अगर थोड़ा भी समय आप डाक्टर से दिखानें में देरी करते हैं तो यह खतरनाक साबित होता है ।  डा दिवाकर तैजसवी के अनुसार अगर आपको अधिक पेशाब आ रहा है, अधिक प्यास और भूख लग रही है, अचानक से वजन बढ़ रहा है और बाद में घट रहा है तो ये डायबिटीज के लक्षण हो सकते हैं। अगर मधुमेह के गंभीर लक्षणों की बात करें तो इसके कारण आंखों की रोशनी धुंधली होना, ब्लड प्रेशर की शिकायत आदि हो सकती हैं।  उनके अनुसार डायबिटीज एक साइलेंट किलर के तरह काम करता है आपको पता भी नहीं चलेगा और आप अंदर ही अंदर खोखला होती जाएंगे । सबसे बड़ी समस्या सेक्स की होना शुरू हो जाती है जिससे लोग चिड़चिड़ापन महसुस करने लगते हैं और शादी शुदा जिंदगी में खटास पैदा हो जाती है । इसके अलावा जब डायबिटीज के मरीजों को हार्ट अटैक आता है तो उन्हें साइलेंट चेस्ट पेन होता है। डॉक्टर दिवाकर तैजसवी के मुताबिक मधुमेह के अधिकतर मरीजों को पता नहीं चल पाता कि उन्हें दिल का दौरा पड़ रहा है, बस उनका सांस थोड़ा-सा उखड़ा रहता है। इसकी वजह से सही समय पर उनका इलाज नहीं हो पाता। और अगर थोड़ी भी इलाज में देरी होती है तो जान जाने का खतरा अधिक होता है । अगर डाक्टर दिवाकर तैजसवी की बातों को गौर करें तो  डायबिटीज के मरीजों में पेरिफेरल न्यूरोपैथी की समस्या हो सकती है, मतलब पैर और हाथों में मौजूद नर्व्स का काम करना धीरे-धीरे कम हो जाता है। अगर यदि किसी वजह से मरीज को चोट लग जाए तो उसे बहुत दिनों तक पता नहीं चल पाता और चोट का अनुभव भी नहीं हो पाता। फिर घाव भरने में परेशानी हो सकती है । लगातार घाव का ना भरना एक और बिमारी को जन्म देती है ।  डायबिटीज के मरीजों को सबसे अधिक किडनी की शिकायत होती है। ऐसे में मधुमेह के मरीजों को पैरों में सूजन को इग्नोर नहीं करना चाहिए। इसके अलावा मधुमेह के रोगियों में दिल का काम करना भी कम हो जाता है, इसके कारण भी पैरों में सूजन आ जाती है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को लक्षणों पर अधिक ध्यान रखना चाहिए।
 डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों में स्किन इंफेक्शन भी काफी अधिक होते हैं। क्योंकि उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। ऐसे में अगर आपको कोई फंगल इंफेक्शन हो गया है तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना  । अतः आपको किसी भी तरह का कोई लक्षण दिखाई दे आप तूरंत डाक्टर से सम्पर्क करें ।

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