If people suffering from diabetes have any kind of wound in the foot, then be alert immediately because a little carelessness should not lead to cutting your leg.

डायबिटीज मरीजों में पैर काटने की नौबत, आप कतई ना करें ये लापरवाही
डायबिटीज मरीजों में जरा सी लापरवाही की वजह से पैरों को काटने की नौबत (फुट एम्प्यूटेशन) आ रही है. डायबटीज मरीजों की जान बचाने के लिए पैर के सड़े हुए हिस्से को काटकर अलग कर दिया जाता है. इंग्लैंड में डायबिटीज मरीजों के एक ग्रुप ने फुट एम्प्यूटेशन यानी पैर काटने के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जाहिर की है.
डायबिटीज की बीमारी धीरे-धीरे इंसान के शरीर को खोखला करती है, इसलिए इसे 'साइलेंट किलर' कहा जाता है. भारत में डायबिटीज मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. हाल ही में लैंसेट मैगजीन में प्रकाशित एक रिपोर्ट में सामने आया था कि भारत में तीन डायबिटीज मरीजों में से सिर्फ एक मरीज का ही ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है. ब्रिटेन की सरकार ने भी डायबिटीज से जुड़े कुछ आंकड़े शेयर किए हैं जो भारत के लिए चेताने वाले हैं.

ब्रिटेन की सरकार ने डायबिटीज मरीजों में फुट एम्प्यूटेशन को लेकर रिपोर्ट जारी की है. फुट एम्प्यूटेशन में डायबिटीज मरीज की जान बचाने के लिए पैर के सड़े हुए हिस्से को काटकर अलग कर दिया जाता है. डायबिटीज मरीजों में पैर काटने के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है.

फुट एम्प्यूटेशन की सबसे बड़ी वजह डायबिटीज मरीज को सही देखभाल ना मिलना है. इसमें अनियंत्रित डायबिटीज के चलते पैर के अल्सर और इंफेक्शन का जोखिम काफी बढ़ जाता है. ब्रिटेन के सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि 10 में से एक इलाके में इसकी दर बहुत ज्यादा रही है. 

'डायबिटीज यूके' ने कहा, ये आंकड़े दर्शाते हैं कि डायबिटीज मरीजों की देखभाल से जुड़ा संकट कितना बड़ा है. कोरोना महामारी की वजह से कई डायबिटीज मरीजों की देखभाल ठीक से नहीं हुई. इस महीने की शुरुआत में चैरिटी द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते दो वर्षों में मेडिकल सेवाएं बाधित होने के कारण कई लोगों की जान को खतरा हुआ है.
ब्रिटेन के ऑफिस फॉर हेल्थ इम्प्रूवमेंट एंड डिसपैरिटीज ने तीन सालों का डेटा प्रकाशित किया है. इसमें पाया गया है कि इंग्लैंड के 135 लोकल एरिया में से 13 में फुट एम्प्यूटेशन की दर बहुत ज्यादा है. ब्रिटेन के हैरो शहर में डायबिटीज के प्रति 10,000 मरीजों पर 3.5 की सबसे कम दर होने का अनुमान है. जबकि ब्लैकपूल में सर्वाधिक 16.8 दर होने का अनुमान है.

रिपोर्ट के मुताबिक, डायबिटीज में बेहतर देखभाल के साथ पैर काटने के 80 फीसदी मामलों को रोका जा सकता था. टाइप-1 या टाइप-2 डायबिटीज जब कई सालों तक अनियंत्रित रहती है तो पैरों की रक्त वाहिकाओं में ब्लड फ्लो की कमी और नर्व्स डैमेज जैसे कॉम्प्लीकेशंस पैदा होते हैं. इसकी वजह से अल्सर और इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है जिससे एम्प्यूटेशन यानी पैर काटने की नौबत आ जाती है.कैसे होगा बचाव?
डायबिटीज यूके के चीफ एग्जीक्योटिव क्रिस आस्क्यू कहते हैं, 'ताजा आंकड़े बड़ी चिंता का विषय हैं. इनमें से ज्यादातर एम्प्यूटेशन को रोका जा सकता है. लेकिन डायबिटीज से पीड़ित लोग अच्छी केयर फैसिलिटी पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. यही कारण है कि जिन जगहों पर केयर फैसिलिटी की कमी है, वहां ज्यादा बदतर परिणाम सामने आ रहे हैं. इस असमानता पर ध्यान देने की जरूरत है.'

कैसे कंट्रोल करें ब्लड शुगर?
एक्सपर्ट कहते हैं कि एक सेहतमंद डाइट के साथ ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है. इसके लिए हाई शुगर वाली चीजें खाने से परहेज करना चाहिए. खून में शुगर की मात्रा को कंट्रोल रखने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करें. जंक फूड, रेड मीट या हाई शुगर ड्रिंक्स का सेवन ना करें.

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