यूरिक एसिड एक रसायन हैं, जो शरीर में प्यूरीन तत्व के टूटने से बनता है. आमतौर पर किडनी इसे फिल्टर करके यूरिन के रास्ते बाहर निकालने का काम करती है. लेकिन जब इसकी अधिकता शरीर में हो जाती है, तो गुर्दे इसे ठीक से फिल्टर नहीं कर पाते. ऐसे में यूरिक एसिड के क्रिस्टल्स टूटकर शरीर के जोड़ों में जमा होने लगते हैं.
ऐसे में सबसे ज्यादा असर हड्डियों पर पड़ता है और व्यक्ति को गठिया, सूजन, जोड़ों में दर्द और गाउट जैसी परेशानियां होती हैं. कई बार इसका स्तर बढ़ने पर किडनी पर भी विपरीत असर पर पड़ता है. बि एम डि जांच जानिए इससे जुड़ी तमाम जरूरी बातें -हड्डी रोग खनिज घनत्व के उपायों का उपयोग करके डॉक्टरों द्वारा ऑस्टियोपीनिया का निदान किया जाता है। रोगी की उम्र के आधार पर, डॉक्टर मरीज की हड्डियों के घनत्व को मापने के लिए एक विशेष मशीन का उपयोग करते हैं और यह निर्धारित करते हैं कि हड्डियाँ अपेक्षा से कम हैं। DEXA या DXA के रूप में जाना जाने वाला दोहरी ऊर्जा एक्स-रे अवशोषकमिति, BMD को मापने का सबसे आम तरीका है। यह एक्स-रे का उपयोग करता है जो एक विशिष्ट एक्स-रे की तुलना में कम विकिरण का उत्सर्जन करता है। परीक्षण दर्द रहित है और परिणाम एक टी-स्कोर है जो यह निर्धारित करता है कि रोगी ऑस्टियोपीनिया से पीड़ित है या नहीं।
इस स्थिति के उपचार में मुख्य रूप से ऑस्टियोपोरोसिस के लिए इस स्थिति की प्रगति को रोकने के लिए दवाओं और उचित स्वस्थ आहार शामिल हैं। इस स्थिति के शुरुआती चरणों में, रोगियों को पैर की हड्डी के लिफ्टों, पैर के अंगूठे और एड़ी को ऊपर उठाने, शरीर के मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत करने के लिए कूल्हे के अब्डकटर्स जैसे व्यायाम दिए जाते हैं और जीवन शैली को बेहतर बनाया जाता है जिसमें स्वस्थ आहार शामिल होता है। यदि बीएमडी स्तर ऑस्टियोपोरोसिस स्तर के बहुत करीब है, तो दवाएं निर्धारित की जाती हैं। इन दवाओं में मुख्य रूप से उच्च कैल्शियम और विटामिन डी की खुराक होती है।
गलत खान पान फास्ट फूड ज्यादा खाना खतरनाक है। पौष्टिक आहार,योगासन ,दूध का सेवन करें। नियमित समय पर अपने स्वास्थ्य का उचित चिकित्सकीय जांच क्वालिफाईड चिकित्सक से ही करावें।
डा आर के राणा सिनियर फिजिशियन पटना