बच्चों में आजकल ये लक्षण दिखाई देने लगे तो हो जाएं सावधान । कहीं ये जानलेवा ना सावित हो जाएं बच्चों के लिए ।

COVID से पूरी दुनिया प्रभावित हुई है,बच्चों का टीकाकरण भी काफी हद तक प्रभावित हुआ है। जिसके कारण बहुत सारी वैक्सीन प्रिवेंटेबल बीमारियां अभी काफी तेजी से फैल रही हैं, इनमें से एक है... मीजल्स/खसरा, जिसे बोलचाल की भाषा में 'फूलमती' भी कहते हैं। इसके बहुत से केसेज अभी देखने को मिल रहे हैं।
Measles एक वायरल इलनेस है। ये बहुत ज्यादा कंटेजियस होता है, और खांसने, छींकने तथा contaminated surface से फैलता है।
इस बीमारी के लक्षण वायरस के संपर्क में आने के 10 से 14 दिनों के बाद दिखाई देना शुरू होते हैं. इसके कुछ लक्षण हैं-
- बुखार (high grade up to 105)
- सूखी खांसी
- बहती नाक
- गला खराब होना
-आंखें मे सूजन (Conjunctivitis)
- गाल की अंदरूनी परत पर मुंह के अंदर छोटे सफेद धब्बे (कोप्लिक स्पॉट)
बुखार के 3 से 7 दिन के बाद maculopapular rash का आना शुरू होता है, जो सिर से शुरू होकर, शरीर और फिर पैर तक पहुंचता है। 
पेशेंट rash के शुरू होने के 4 दिन पहले से लेकर 4 दिन बाद तक infectious रह सकता है। अतः इस अवधि में उसे अन्य लोगों से अलग रखना होता है।
क्या हैं बचाव के उपाय....
मीजल्स का बचाव सिर्फ और सिर्फ वैक्सीन है. टीकाकरण से ही 97% तक इस बीमारी से बचा जा सकता है.
संक्रमित व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को बीमार कर सकता है. ऐसे में बेहद सजग रहने की जरूरत होती है.संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई चीजें जैसे चादर, तोलिया, साबुन कोई भी अन्य व्यक्ति यूज न करे.
अगर घर में किसी व्यक्ति को मीजल्स हुए हैं तो उसकी साफ सफाई का खास ख्याल रखा जाना चाहिए और अलग रखना चाहिए।
बच्चों को खसरे का टीकाकरण करवाना बेहद जरूरी है।
Measles का टीका 9 महीने की उम्र से लगाया जाता है।

Post a Comment

Previous Post Next Post