डाइबिटीज से पीड़ित लोगों में सबसे ज्यादा ओस्टियोपोरोसिस होने का ख़तरा बढ़ जाता है। आईये जानते हैं क्या है ओस्टियोपोरोसिस और कैसे डाइबिटीज से पीड़ित लोगों को यह बिमारी होती है ।

डाइबिटीज आज एक ऐसी समस्या है जिससे हर कोई प्रभावित हैं । अगर बात करें डाइबिटीज से पहले की तो हर व्यक्ति ऐसे जगह खड़ा है जिससे कभी भी लोग डाइबिटीज के शिकार हो सकते हैं । कारण है लोगों के जीवन शैली का । जीवन शैली के परिवर्तन के कारण लोगों में डाइबिटीज तेजी से फैलता जा रहा है । डाइबिटीज होने से बहुत सारे बिमारी शरीर मे आ जाती है किन्तु सबसे बड़ी बिमारी है हड्डियों का कमजोर होना। डाइबिटीज से पीड़ित लोगों की इम्युनिटी पॉवर बहुत कम होती है ऐसे में डाइबिटीज से पीड़ित लोगों को ओस्टियोपोरोसिस होने का ख़तरा बढ़ जाता है ।
ऑस्टियोपोरोसिस एक चिकित्सा स्थिति है जिसमें हड्डियाँ कम घनी हो जाती हैं और फ्रैक्चर होने का खतरा अधिक होता है। अध्ययनों ने सुझाव दिया है कि लंबे समय तक मधुमेह और बिगड़ा हुआ ग्लाइसेमिक नियंत्रण ऑस्टियोपोरोसिस को ट्रिगर करता है। ऑस्टियोपोरोसिस से फ्रैक्चर के परिणामस्वरूप दर्द और अक्षमता हो सकती है। मधुमेह वाले लोग, विशेष रूप से टाइप 1 मधुमेह, अक्सर हड्डियों की गुणवत्ता खराब होती है और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। मधुमेह की कुछ जटिलताओं, जैसे कि तंत्रिका क्षति, मांसपेशियों की कमजोरी, निम्न रक्त शर्करा के एपिसोड और दृष्टि हानि से गिरने और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ सकता है। T1D में ग्लाइसेमिक नियंत्रण में सुधार से हड्डी पर लाभकारी प्रभाव पड़ सकता है।

मधुमेह वाले लोगों में ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने और इलाज करने की रणनीतियों में शामिल हैं:
कैल्शियम और विटामिन डी युक्त आहार
भारोत्तोलन और प्रतिरोध व्यायाम
स्वस्थ जीवन शैली
उचित दवा

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