डाइबिटीज का प्रभाव हड्डियों पर कितना होता है आईये जानते हैं।

डा पंकज कुमार हड्डी रोग विशेषज्ञ  ने कहा कि मधुमेह रोग नियंत्रण के साथ ही हड्डी को मजबूत बनाने के लिए सभी को जागरूक होने की जरूरत है साथ ही आगे बताया  कि हड्डियों   का कमजोर होना ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) कहलाता है। इस स्थिति में बोन मास डेंसिटी (BMD) कम हो जाती है, जिससे हड्डियों के फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है। बीएमडी लॉस के पहले लेवल को 'ऑस्टियोपेनिया' (osteopenia) के रूप में जाना जाता है। यदि समय पर इसका निदान करके इलाज ना शुरू किया जाए, तो ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा बढ़ जाता है। वैसे तो ऑस्टियोपोरोसिस 50 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में अधिक होता है, लेकिन अब यह पुरुषों के साथ ही कम उम्र के लोगों को भी होने लगा है। ऑस्टियोपोरोसिस सिर्फ कैल्शियम की कमी के कारण ही नहीं होता है। महिलाओं में, एस्ट्रोजन बीएमडी लेवल को बनाए रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। रजोनिवृत्ति (Post-menopausal) के बाद शरीर में एस्ट्रोजन लेवल कम होने से बीएमडी में तेजी से गिरावट आती है। बदलती जीवनशैली, खराब खान-पान की आदतें, अनुवांशिकता के साथ ही एक्सरसाइज में कमी ऑस्टियोपोरोसिस होने के मुख्य कारक हैं।
        सामान्य हड्डी प्रोटीन, कोलेजन और कैल्शियम से बनी होती है। जब हड्डियां अपनी डेंसिटी खोने लगती हैं और अस्वाभाविक रूप से कमजोर, छेददार (Porous) हो जाती हैं, तो वे अधिक आसानी से संकुचित होती हैं, जिससे उनमें दरार पड़ने (जैसे हिप फ्रैक्चर) या स्पाइनल फ्रैक्चर होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है। बीएमडी में कई लेवल पर नुकसान होना शुरू होता है। बीएमडी में नुकसान होने के पहले स्तर को 'ऑस्टियोपेनिया' के रूप में जाना जाता है। इसका इलाज ना करवाया जाए, तो ऑस्टियोपोरोसिस हो जाता है। ऑस्टियोपोरोसिस होने पर सबसे ज्यादा फ्रैक्चर होने की संभावना पसलियों (Ribs) और कलाइयों में (Wrists) होता है।
    ऑस्टियोपोरोसिस को 'भंगुर हड्डियों' (brittle bones) के रूप में भी जाना जाता है। ऑस्टियोपोरोसिस रोग अब कम उम्र के लोगों में भी आम होता जा रहा है। खराब जीवनशैली, देर तक बैठे रहना, अनहेल्दी ईटिंग हैबिट्स, तनाव आदि इसके रिस्क फैक्टर हैं। अन्य रिस्क फैक्टर इस प्रकार हैं-फिजिकल इनएक्टिविटी
कैल्शियम की कमी
विटामिन डी की कमी
स्मोकिंग करना
अधिक शराब का सेवन
वजन कम होना
रूमेटाइड अर्थराइटिस
दवाओं का सेवन (जैसे हेपरिन, प्रेडनिसोन)
    लायन डा राणा एस पी सिंह ने बताया की ऑस्टियोपोरोसिस को स्वाभाविक रूप से रोकने के तरीके के बारे में नीचे कुछ दिशानिर्देश दिए गए हैं, जिसे अपनाकर काफी हद तक आप हड्डी के इस रोग से बचे रह सकते हैं-
प्रतिदिन एक्सरसाइज करें।
कैल्शियम का सेवन अधिक करें।
विटामिन डी के लिए धूप सेकें।
विटामिन के की कमी ना होने दें।
मोटापा कम करें।
प्लांट एस्ट्रोजेन्स का चुनाव करें।
स्मोकिंग और एल्कोहल का सेवन छोड़ दें।
तनाव दूर करें।
ऑयल मसाज करें।अपनी डायट में तिल शामिल करें।
रेगुलर हेल्थ चेकअप करवाएं।💁शरीर को हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है और कैल्शियम को अवशोषित करने के लिए विटामिन डी की जरूरत होती है। हेल्दी बोन के लिए पोषक तत्वों में प्रोटीन, मैग्नीशियम, विटामिन के और जिंक शामिल करें। आपको अपनी डायट में क्या शामिल करना चाहिए, इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। एक अच्छा डायटिशियन आपके लिए एक हेल्दी मील या डायट प्लान तैयार कर सकता है।

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