कभी कभी किसी डायबिटीज के मरीज का fasting plasma glucose लेवल हाई (140 -150 से ज्यादा) और pp (post prandial ,खाने के 2 घण्टे बाद जांच करने पर) नार्मल (140 से कम ) रहता है तो संशय की स्थिति उत्पन्न होती कि ऐसा क्यो हुआ ? इस कंडीशन को reactive हाइपोग्लाइसीमिया या realtive hyperinsulinemia कहा जाता है । ये इसलिए होता कि जब बार बार कार्बोहायड्रेट रिच फ़ूड हम लेते हैं ,और पेट से यह message पैंक्रियास को बार बार मिलता ये अक्सर होने पर पैंक्रियास irritate हो कर ज्यादा इन्सुलिन release कर देता ,जब food (विशेषकर carb rich फ़ूड ),मरीज लेता है तो यह अधिक मात्रा में रेलीज़ इन्सुलिन glucose को blood में कम कर देता इसलिए pp जांच में glucose वैल्यू कम आता है। यह लंबे समय तक होने पर पैंक्रियास में इन्सुलिन बनना धीरे धीरे कम हो जाता है फिर मरीज को ज्यादा दवा की जरूरत पड़ने लगती है । इस से बचने का उपाय है कि कार्बोहायड्रेट रिच फ़ूड को कम लें और बार बार carb रिच भोजन को अवॉयड करें । यानी भोजन की मात्रा में सलाद अधिक लें कार्बोहाइड्रेट कम से कम रखें ,और बार बार carb रिच फ़ूड नही खाएं।अब कभी कभी किसी मरीज का fasting प्लाज्मा glucose नार्मल रहता है (126 से कम) और pp लेवल ज्यादा (200 से ज्यादा) रहता ,इसका मतलब हुआ कि पैंक्रियास की इन्सुलिन रेलीज़ करने की क्षमता कम हो रही है अतः साबधान हो जाएं खाना लेने में glucose rich ,कार्ब रिच खाना नही खाएं ,शरीर का वजन नही बढ़ने दें। किसी किसी मरीज का fasting लेवल ज्यादा (126 से अधिक) और रैंडम लेवल या pp लेवल नार्मल रहता है , इसमे क्या करना चाहिए ,डिनर में प्रोटीन इन्टेक बढ़ा देना चाहिए , carb इन्टेक कम करना चाहिए सलाद की मात्रा बढ़ाना चाहिए,अगर ड्रिंक रात में कर रहें हों तो उसे अवॉयड करें या मात्रा 45 ml से कम रखें। @डॉ राहुल कुमार डॉय बिटोलॉजिस्ट बेगूसराय।
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