डाइबिटीज कितना ख़तरनाक होता जा रहा है गरीब ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों के बीच आज आप जरूर देखें

आस्था फाऊंडेशन कोई भी मौसम हो अपने उद्देश्य को पुरा करने में लगी रहती है । आज कड़ाके की ठंड पड़ रही है बाबजूद हम मशहूर डाइटिशियन चेतन कुमार के साथ बिहटा प्रखंड के बहपुरा गांव पहुंचे। यह यही गांव है जहां मौलाना मजहरूल हक साहब ने अपनी बचपन को बताया। ऐसे गांव के गरीब ग्रामीण महिलाओं बच्चियों एवं बुजुर्ग को डाइबिटीज के प्रति जागरूक करने हमलोग पहुंचे। तैयारी पहले से थी । भीड़ को देखकर मुझे बहुत खुशी हुईं और थोड़ा भी ठंड का एहसास नहीं हुआं। क्योंकि इन गरीब ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे महिलाओं के दर्द को सुनकर दिल भर आया । हर कोई डाइबिटीज के साथ थाइराइड और ब्लड प्रेशर एवं पेट के बिमारियों के साथ किडनी में स्टोन से परेशान। कोई सुनने वाला नहीं । ऐसे में आस्था फाऊंडेशन के साथ गए डाइटिशियन चेतन कुमार और मुझे इन महिलाओं और बुजुर्ग ने अपनी-अपनी बिमारियों से अबगत कराया। हमलोगों ने जागरूक करने के साथ उन्हें आस्था फाऊंडेशन द्वारा संचालित आस्था आरोग्य केयर सेंटर में आने को आमंत्रित किया और हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया।  ये हैं आस्था फाऊंडेशन का काम और इससे बढ़कर कोई सेवा नहीं जो मैं कर रहा हूं और इसी लिए आपसे मदद मांगता हूं किन्तु आप है कि इग्नोर करते हैं । आपकी छोटी-छोटी मदद इनकी ख़ुशी बन सकती और ज़िन्दगी बचा सकतीं हैं । किन्तु आपके लिए पैसे महत्वपूर्ण है मेरे लिए इनका प्यार और मदद जो आज इतनी ठंड में चेतन कुमार और मैं जाकर ग्रामीणों को जागरूक किया। धन्य है चेतन सर आप मेरे स्कूटी पर बैठ कर आप पटना से तीस किलोमीटर दूर इस ठंड में गरीब ग्रामीण लोगों के मदद के लिए गए यही दुआ है जो आपको अमर कर देगा । चलिए कोई सहयोग करें या ना करें कोई कुछ लेकर नहीं जाएगा किन्तु एक सुकून जो आज इस ग्रामीणों को मदद करके मिला ये शायद ही किसी को नसीब होता है  । चाहता तो मैं और आप भी ठंड में घर में रहते किन्तु आस्था फाऊंडेशन दूसरों के लिए जीती है और हमेशा मदद करती रहेगी । आपसे निवेदन है कि एक एक बिडियो और तसबीर को जरूर देखें जिससे आपको लगे कि सच में आस्था फाऊंडेशन जैसे आर्गेनाइजेशन को मदद करना चाहिए।

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