डाइबिटीज से बचना है तो आज से ही टहलना शुरू कर दे क्यों और कितना जरूरी है आईये जानते हैं

डाइबिटीज से बचना है तो आज से टहलना शुरू कर दे ।

डाइबिटीज जिसे साइलेंट किलर कहा जाता है ।  आज हर दस में से चार लोग डाइबिटीज से पीड़ित हो रहे हैं । खराव जीवन शैली और खाने पीने के कारण डाइबिटीज आज तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रही है। खासकर यह बिमारी उन लोगों को ज्यादा प्रभावित करती है जो कोई काम नहीं करते सुस्त रहते हैं और हमेशा बैठे रहते हैं । अगर डाइबिटीज से बचना है और अगर आप डाइबिटीज है और इसे नियंत्रित कर रखना चाहते हैं तो आप अपने जीवन में वाक् को अपनाएं। सुवह शाम टहलने से आपकी डाइबिटीज ही नहीं और भी बिमारियों से निजात मिल सकता है । उक्त बातें आस्था फाऊंडेशन द्वारा चलाए जा रहे वाक् फार लाइफ के तहत मेगा डाइबिटीज वाक् में आए हुए मशहूर फिजिशियन डॉ दिवाकर तैजसवी ने कही । मशहूर बच्चों के पेट के डाक्टर श्री कांत पांडे ने कहा कि आप अगर वाक् करते हैं तो आपके आने बाले पीढ़ी भी आपके रास्ते पर चलेगी और उन्हें डाइबिटीज से बचाया जा सकता है । आर्थोपेडिक सर्जन डा प्रवीण कुमार ने कहा कि अगर आप रोज एक घंटा टहलते हैं तो आप डाइबिटीज के साथ साथ हड्डियों की बिमारियों से भी बच सकते हैं । । मशहूर डाइटिशियन रूपाली सिंह ने कहा कि डाइबिटीज से पीड़ित लोगों को डाइट के साथ साथ सुबह-शाम टहलना बहुत जरूरी होता है । अगर आप डाइट और वाक् करते हैं तो आपकी डाइबिटीज हमेशा कन्ट्रोल रहेंगी। आस्था फाऊंडेशन ने मेगा डाइबिटीज वाक् का आयोजन एन आई टी घाट पर किया था जिसमें शहर के सभी डाक्टरों के साथ डाइटिशियन वकील सरकारी गैर-सरकारी कार्यालय के कर्मचारियों के अलावा बहुत सारे युवा शामिल थे । संस्था के सचिव पुरुषोत्तम सिंह ने कहा कि आस्था फाऊंडेशन का इस मेगा डाइबिटीज वाक् को आयोजन का मकसद था कि लोगों को सुवह सुवह टहलने के लिए तैयार करना जिससे की डाइबिटीज के साथ साथ हाईपरटेंशन थाइराइड और बी पी के कन्ट्रोल में राहत मिल सके । कार्यक्रम को सफल बनाने में डा धीरज सिन्हा, डा अरविंद कुमार, डाइटिशियन पुजा पांडे, चेतन कुमार, निकुंज, संजीव कर्ण , धनंजय जी के अलावा बहुत सारे लोग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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